सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने गुरुवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कोर्ट देश भर में हो रही हिंसा रुकने के बाद सुनवाई करेगी.


सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने गुरुवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कोर्ट देश भर में हो रही हिंसा रुकने के बाद सुनवाई करेगी. मुख्य भूमिका न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ के सामने वकील विनीत धंदा ने एक संसद याचिका का उल्लेख किया जिसमें मांग की गयी है कि विवादित नागरिकता कानून को संवैधानिक घोषित किया जाए. इसी मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस बोबडे ने ये टिप्पणी नागरिकता की. पीठ में बोबडे के अलावा जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्य कांत भी हैं. लाइव लॉ के मुताबिक पीठ ने कहा, बहुत ज्यादा हिंसा हो रही है. उन्होंने आगे कहा, हम कैसे संसद के कानून को संवैधानिक घोषित कर दें? हमेशा संवैधानिकता का अनुमान होता है! आप कभी कानून के छात्र रहे होंगे. आपको जरूर ये जानना चाहिए पहली बार मैं ऐसी याचिका सुन रहा हूं. अदालत को सुनेगा कानून की वैधता तय करनी है, यह घोषित नहीं करना कानून संवैधानिक है. पीठ ने कहा, देश कठिन दौर से गुजर है. हमारी कोशिश शांति बहाल की होनी चाहिए. ऐसी याचिकाएं किसी काम की नहीं हैं. विनीत द्वारा दायर याचिका में भी यही की गयी थी कि अखबार, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और अन्य माध्यमों कानून का प्रचार किया जाना सुनेगा सुप्रीम कानून की वैधता तय करनी होती है, यह घोषित नहीं करना है कि कानून संवैधानिक है. पीठ ने आगे कहा, देश कठिन दौर से गुजर रहा है. हमारी कोशिश शांति बहाल करने की होनी चाहिए. ऐसी याचिकाएं किसी काम की नहीं हैं. विनीत धंदा द्वारा दायर याचिका में भी यही मांग की गयी थी कि अखबार, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और अन्य माध्यमों से इस कानून का प्रचार किया जाना चाहिए और ये स्पष्ट किया जाना चाहिए कि ये कानून संविधान की भावना एवं देश के नागरिकों के खिलाफ नहीं है. इसके अलावा उन्होंने यह भी मांग की कि चुनाव आयोग को निर्देश जारी कर कहा जाए कि वे ऐसे राजनीतिक दलों की पहचान कर कठोर कार्रवाई करें जो कथित रूप से इस कानून के नाम पर झूठी जानकारी फैला रहे हैं और देश में हिंसा भड़का रहे हैं. राज्य सरकारों को भी ये निर्देश देने की मांग की गई है कि वे अपने संबंधित राज्यों में इस कानून को तुरंत लागू करें. पीठ ने कहा कि इस याचिका पर सुनवाई नागरिकता कानून के संबंध में दायर की गई अन्य याचिकाओं के साथ में होगी. बीते १८ दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दायर कई याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. याद रहे कि इस विधेयक में (शेष पृष्ट ६ पर) सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस जे. चेलामेश्वर, भारत के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एसवाई करैशी सहित आठ लोगों की ओर से भारतीय संविधान के ७० साल-महत्वपूर्ण क्षण शीर्षक से एक पत्र जारी किया गया है. इस पत्र में भारत के गणतंत्र बनने के ७० साल पूरे होने पर खुशी जताते हुए(शेष प्रष्ट ४ पर)